हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस वर्ष कश्मीर, कारगिल, लखनऊ, मेरठ, मुंबई, विजयवाड़ा, अमरोहा, कोलकाता, बहराइच, नौगाँव सादात आदि स्थानों के जुलूसों में एक विशेष बात यह रही कि शहीद-ए-कर्बला हज़रत इमाम हुसैन (अ.स.) के पवित्र अलम के साथ-साथ, इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई की तस्वीरें भी बड़ी श्रद्धा के साथ लगाई गई थीं।
अज़ादारों ने न केवल रहबर-ए-इंकिलाब के प्रति समर्थन और प्रेम व्यक्त किया, बल्कि अन्य मराजे-ए-तक़लीद (धार्मिक नेताओं), विशेष रूप से आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली हुसैनी सिस्तानी की तस्वीरें भी अपने साथ लेकर चले।
इसके अलावा जुलूसों में सैयद-ए-मुक़ाविमत शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह की तस्वीरें भी अज़ादारों की श्रद्धा और जज़्बे को दर्शा रही थीं। अज़ादारों ने इन तस्वीरों के माध्यम से न केवल इन नेताओं से अपनी आस्था जताई, बल्कि वैश्विक साम्राज्यवाद (इस्तिक़बार) के ख़िलाफ़ जागरूकता और एकता का संदेश भी फैलाया।
यौम-ए-आशूरा के यह जुलूस जहाँ एक ओर इमाम हुसैन (अ.स.) की महान कुर्बानी की याद ताज़ा करते हैं, वहीं इनमें शामिल तस्वीरें, बैनर और नारे आज के दौर के मज़लूमों ,अत्याचार पीड़ितों के साथ एकजुटता का व्यावहारिक प्रदर्शन बने।
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